शिव महापुराण कथा में सेवा के साथ पर्यावरण का भी रखे ख्याल, बर्तन बैंक के संस्थापिका ने की अपील
(संतोष देवांगन) पाटन । अमलेश्वर में पर्यावरण संरक्षिका एवं बर्तन बैंक के संस्थापिका श्रद्धा साहू एवं नई पहल स्टील बर्तन बैंक के प्रदेश अध्यक्ष तरुण साहू ने शिव महापुराण कथा में भोजन एवं पानी बांटने वाले भक्तों से निवेदन करते हुए बताया कि, जितने भी खाद्य पदार्थ और पेड़ पदार्थ बनते जाए उसमें सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करे। क्योंकि सेवा के कारण ही एक बड़ा मृदा प्रदूषण हो रहा है। अक्सर देखा गया है कि बड़े-बड़े धार्मिक और अन्य आयोजनों में बड़े व्यवसायीयों द्वारा लोगों को भूख और प्यास से राहत दिलाने के लिए खाद्य और पेय पदार्थ बांटा जाता है । जिसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का ही अंधाधुंध प्रयोग करते पाया गया है।
श्रद्धा साहू ने बताया कि, कोई भी भक्तगण वहां पर अपनी व्यवस्था लेकर ही आता है लेकिन सेवा के नाम पर हम अनावश्य ही कचरा बांट देते हैं जिससे पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है। वह कचरा उड़ कर खेतों को बर्बाद कर रहे हैं । जिसके साथ ही इसे जलाने से भयंकर रूप से वायु प्रदूषण हो रहा है। अगर आप कथा स्थल आयोजन ख़त्म होने के बाद वहां देखेंगे जो प्रकृति प्रेमी होगा उनके आंख से आंसू निकल जाएगा। इतना भयंकर प्लास्टिक का कचरा उक्त स्थान पर दिखता है इससे निजात पाने के लिए हर कार्यक्रम, सभा में जाकर श्रद्धा साहू की टीम एवं प्रदेश अध्यक्ष तरुण साहू इस काम में सहभागी बनते हैं और लगातार उनकी टीम मृदा संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षिका एवं बर्तन बैंक के संस्थापिका ने बताया कि, मिट्टी से ही अनाज, ऑक्सीजन और पानी मिलता है और बिना भोजन के भजन नहीं होता। प्रकृति से हम लगातार खिलवाड़ करते जा रहे हैं। धर्म की रक्षा के साथ-साथ प्रकृति की रक्षा के बारे में भी हम सभी को सोचना चाहिए और आज जिस प्रकार से जन सैलाब उमड़ पड़ा है धर्म की रक्षा के लिए इस प्रकार आज प्रकृति की रक्षा के लिए भी इतनी ही मेहनत करने की आवश्यकता है क्योंकि बिना स्वस्थ प्रकृति के धर्म को नहीं बचाया जा सकता है।