पाटन में हो रही अवैध पेड़ो की कटाई, कौहा लकड़ी से भरी ट्रैक्क्टर जब्त, कार्रवाही जारी
संतोष देवांगन, पाटन । पाटन में हो रही प्रतिबंधित पेड़ो की अवैध कटाई। नहीं थम रहा अवैध कटाई का कारोबार । धान की कटाई के बाद चारों दिशाओं में लकड़ी दलाल सक्रीय। कई आरा मीलों में मिलेंगे अवैध प्रतिबंधित पेड़ों की बड़ी और मोटी शाखाएं। “छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” (खबरे पंचायत की) की शिकायत पर पाटन एसडीएम श्री विपुल गुप्ता के निर्देश पर फारेस्ट विभाग ने लिया एक्शन। कौहा लकड़ी से भरी ट्रैक्क्टर जप्त, कार्रवाही जारी।
किसानो की खेत से धान की कटाई होने के बाद लकड़ी दलाल सक्रीय हो गए है। और किसानो से सस्ते दामों पर उनके खेतों में वरसो से जमे हरे भरे अर्जुन कौहा पेड़ व् अन्य प्रतिबंधित पेड़ों की निर्मम हत्या। पेड़ों की बेदर्दी से कटाई कर आरा मील में बेचकर मोटी रकम कमा रहे है। वही पाटन व् आस पास के क्षेत्र हो रही अवैध कटाई और अवैध परिवहन करते धमतरी, कुम्हारी, अभनपुर के आरा मीलों में शाम को 5 बजने के बाद व सुबह 4 बजे से 8 बजे तक आरा मीलों ट्रैक्टर, माजदा, व डीआई से माल पहुंचाते हुए देखा जा सकता है।
ऐसा ही दृश्य हमें पाटन मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर दुर्ग-रोड पर देखने को मिला जहां पर चार से पांच लोग अपने हाथों में अलग अलग जगह पर इलेक्ट्रानिक चैन आरी मशीन से हरे भरे विशाल पेड़ों की बेखौप कटाई कर रहे थे। देखने के लिए (सब्सक्राइब करे) संतोष देवांगन की ग्राउण्ड रिपोर्ट सिर्फ “छत्तीगढ़ 24 न्यूज़” पर ।
मजेदार बात
यह है की इनके पास ना ही राजस्व विभाग और ना ही फारेस्ट विभाग की परमिशन थी। फिर भी यह आपसी सांठ गांठ के चलते लकड़ी दलालों द्वारा बेखौप अवैध रूप से पेड़ों की कटाई किया जा रहा था। जिसे “छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़” के संतोष देवांगन द्वारा पाटन एसडीएम श्री विपुल गुप्ता को फोन पर अवैध कटाई की जानकारी दी। सरकारी छुटटी होने के बाद भी श्री विपुल गुप्ता जी ने दुर्ग फॉरेस्ट को तत्काल सूचना देते हुए कार्रवाही का आदेश दिया।
जिससे फारेस्ट विभाग पाटन द्वारा लकड़ी ले कर भाग रहे ट्रैक्टर व चालक रोशन ढीमर को बठेना चौक पर पकड़ कर पाटन डिपों में लाया गया और इन अवैध कारोबारी ठेकेदार के ऊपर दो हजार एक्कीस की धारा 3 (क) वन अपराध क्रमांक 76/11 पर (CG07 BZ 6891) ग्राम भरेंगा भाटा की ट्रैक्क्टर जप्त कर विधिवत कारवाही की जा रही है। अब देखना यह है की पाटन राजस्व विभाग के द्वारा इन अवैध कारोबारियों के ऊपर क्या कार्रवाही की जाती है।